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Sunday, January 28, 2018

आयकर में बचत कैसे करें

आयकर केन्द्र सरकार द्वारा किसी व्यक्ति या कम्पनी की आय पर लगाया जाने वाला कर है । यह वित्तीय वर्ष की कुल आय पर लगाया जाता है । इसके लिए सरकार द्वारा कुछ दर निर्धारित की जाती है । वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए आयकर छूट की निर्धारित सीमा 2,50,000 रूपये है। यदि आय 2,50,000 रूपये से अधिक है तो 31 जुलाई  2018 तक सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप पर या आन-लाइन आयकर विवरणी जमा करनी आवश्यक है, अन्यथा आयकर अधिनियम के तहत आयकर विभाग द्वारा जुर्माना लगाने का प्रावधान है ।
      कर्मचारियों से देय आयकर की कटौती का दायित्व वेतन आहरण एवं वितरण अधिकारी (DDO) के पास होता है । वे अपने अधीन कर्मचारियों के वेतन से देय उचित आयकर की राशि की कटौती करके शेष राशि का भुगतान कर्मचारियों को करते है तथा आयकर की राशि खजाने में जमा करवाते है । कर्मचारियों को चाहिए कि वे अपनी अनुमानित आय पर आयकर की गणना करके प्रत्येक मास के वेतन से आयकर की राशि की कटौती करवाएँ । अन्यथा आयकर पर ब्याज भी लगता है तथा वर्ष के अन्त में कर्मचारी पर वित्तीय भार पड़ता है ।
      कर्मचारियों को पिछले वर्षों का एरियर मिलने से उस वर्ष की कर योग्य आय बढ़ जाती है, इससे उनकी आयकर में वृद्धि हो जाती है । अत: आयकर की अधिक देयता से बचने के लिए आयकर विभाग द्वारा उन्हें विकल्प दिया गया है कि धारा 89(1) के अनुसार अपनी आय व आयकर का निर्धारण, एरियर मिलने वाले वर्षों में कर सकते है । इसके लिए विभाग द्वारा जारी 10E  फार्म भरा जा सकता है ।
आयकर के महत्वपूर्ण प्रावधान :-
1.   वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए लागू आयकर की दर, सरचार्ज व शिक्षा अधिभार इस प्रकार से है :-
भारत का निवासी जिसकी आयु वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान 60 वर्ष से कम हो, उनके लिए आयकर की दरें इस प्रकार है :-
·         प्रथम 2,50,000 रूपये तक की राशि पर आयकर की दर शून्य होगी ।
·         2,50,001 रूपये  से 5,00,000 रूपये तक की राशि पर आयकर की दर 5% होगी ।
·         5,00,001 रूपये  से 10,00,000 रूपये तक की राशि पर आयकर की दर 20% होगी ।
·         10,00,001 रूपये  से अधिक की राशि पर आयकर की दर 30% होगी ।
भारत का निवासी जिसकी आयु वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान 60 वर्ष से अधिक व 80 वर्ष से कम हो, उनके लिए आयकर की दरें इस प्रकार है :-
·         प्रथम 3,00,000 रूपये तक की राशि पर आयकर की दर शून्य होगी ।
·         3,00,001 रूपये  से 5,00,000 रूपये तक की राशि पर आयकर की दर 5% होगी ।
·         5,00,001 रूपये  से 10,00,000 रूपये तक की राशि पर आयकर की दर 20% होगी ।
·         10,00,001 रूपये  से अधिक की राशि पर आयकर की दर 30% होगी ।    
भारत का निवासी जिसकी आयु वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान किसी भी समय 80 वर्ष से अधिक हो, उनके लिए आयकर की दरें इस प्रकार है :-
·         प्रथम 5,00,000 रूपये तक की राशि पर आयकर की दर शून्य होगी ।
·         5,00,001 रूपये  से 10,00,000 रूपये तक की राशि पर आयकर की दर 20% होगी ।
·         10,00,001 रूपये  से अधिक की राशि पर आयकर की दर 30% होगी ।    
2.   धारा 87A के तहत 2,500 रूपये की आयकर में छूट:-
ऐसे करदाता जिनकी कर योग्य कुल आय 3,50,000 रूपये तक है, उन्हें वित्तीय वर्ष 2017-18 में 2,500 रूपये या वास्तविक देय आयकर की राशि, जो भी कम हो, की छूट धारा 87A के तहत मिलेगी ।
3.   अधिभार (Surcharge):-
·         यदि वित्तीय वर्ष 2017-18 में Individuals, HUF, AOP,BOI आदि की कर योग्य आय 50 लाख से 1 करोड़ है तो, कुल आयकर पर 10% अधिभार लगेगा ।
·         यदि वित्तीय वर्ष 2017-18 में Individuals, HUF, AOP,BOI आदि की कर योग्य आय 1 करोड़ से अधिक है तो, कुल आयकर पर 15% अधिभार लगेगा ।
4.   शिक्षा अधिभार (Education Cess):-     
वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल आयकर पर 2% शिक्षा अधिभार तथा 1% उच्च शिक्षा अधिभार लगेगा।       
5.   स्वयं के मकान निर्माण हेतु लिए गए ऋण हेतु देय ब्याज की राशि में छूट की अधिकतम सीमा 1,50,000 रूपये से बढ़ाकर 2,00,000 रूपये कर दी है, और DDO को बैंक का प्रमाण पत्र देकर यह छूट कुल आय में से घटाकर ली जा सकती है ।
6.   धारा 80C, 80CCC, आदि में कुल मिलाकर अधिकतम 1,50,000 रूपये की छूट मिलेगी ।
7.   धारा 80C के तहत निवेश करने से आयकर से छूट मिलती है । धारा 80C के तहत निम्नलिखित मद आते है :-
·         GPF, GIS, PPF, PLI, ULIP एवं सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश की गयी राशि पर 100% की छूट मिलती है ।
·         भारतीय जीवन बीमा प्रीमियम एवं अन्य जीवन पॉलिसियों में निवेश की गई राशि  पर 100% की छूट मिलती है ।
·         राष्ट्रीय बचत पत्र में निवेश की गई राशि पर 100% की छूट का प्रावधान है ।
·         गृह ऋण वापसी पर दी गई राशि पर 100% की छूट है, यदि बैंक से ऋण लिया गया है तो, इसके लिए बैंक का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है ।
·         बैंक में 5 वर्षों के लिए स्थायी जमा (FDR) राशि पर 100% छूट मिलती है। यदि राशि 5 वर्ष से पहले निकाली जाती है तो तो, वह राशि उस वर्ष की आय मानी जाएगी व  उस (FDR) राशि पर आयकर लगेगा तथा प्राप्त ब्याज पर भी आयकर लगेगा।
·         दो बच्चों की ट्यूशन फीस की रसीद प्रस्तुत करने पर भी ट्यूशन फीस पर 100% की छूट प्राप्त होती है ।
·         डाकघर मियादी जमा नियम, 1981 के अन्तर्गत किसी खाते में 5 वर्षों की मियादी जमा पर भी 100% छूट का प्रावधान है । यदि राशि 5 वर्ष से पहले निकाली जाती है तो, वह राशि उस वर्ष की आय मानी जाएगी व उस राशि पर आयकर लगेगा तथा प्राप्त ब्याज पर भी आयकर लगेगा।
·         वरिष्ठ नागरिक जमा योजना नियम 2004 अन्तर्गत किसी खाते में 5 वर्षों की मियादी जमा पर भी 100% छूट का प्रावधान है । यदि राशि 5 वर्ष से पहले निकाली जाती है तो, तो वह राशि उस वर्ष की आय मानी जाएगी व उस राशि पर आयकर लगेगा तथा प्राप्त ब्याज पर भी आयकर लगेगा।    
8.   धारा 80CCD(1बी) न्यू पैंशन स्कीम (NPS) में निवेश करके अधिकतम 50,000 रूपये की छूट प्राप्त की जा सकती है, जो कि धारा 80C की 1,50,000 रूपये की छूट से अलग होगी ।
9.   धारा 80U के तहत स्वयं एवं स्वयं की पत्नी, आश्रित माता-पिता और बच्चों के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर अधिकतम 25,000 रूपये की छूट मिलती है । यदि बीमित व्यक्ति वरिष्ठ नागरिक हो तो अधिकतम 30,000 रूपये की छूट मिलती है ।
10. धारा 80U के तहत कोई करदाता अपने माता-पिता के लिए कोई स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान करता है, तो भुगतान के लिए राशि पर 20,000 रूपये की अतिरिक्त छूट मिलती है ।
11. धारा 80DD आश्रित विकलांग (40% से 80% तक ) के उपचार या अनुरकक्षण पर खर्च के विरुद्ध 75,000 रूपये की छूट एवं गंभीर रूप से विकलांग (80% से अधिक) की दशा में 1,25,000 रूपये की छूट मिलती है ।
12. धारा 80DDB स्वयं के गंभीर बीमार के उपचार हेतु अधिकतम 40,000 रूपये की छूट एवं बीमित व्यक्ति वरिष्ठ नागरिक है तो यह राशि अधिकतम 60,000 रूपये की छूट प्रदान की जाती है ।
13. धारा 80E के तहत शिक्षा ऋण पर ब्याज की कटौती 100% प्राप्त होगी । जिस बैंक से ऋण लिया गया है तो, इस छूट के लिए, उस बैंक का ब्याज का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है।
14. धारा 80TTA के अन्तर्गत बचत खाते (बैंक तथा डाकघर) से प्राप्त ब्याज पर अधिकतम 10,000 रूपये की छूट मिलती है ।
15. धारा 80U के तहत दृष्टि दोष या स्थायी विकलांगता, 40% से अधिक होने पर 75,000 रुपये की छूट मिलती है, यदि यह विलांगता 80% से अधिक हो तो 1,25,000 रूपये की छूट प्राप्त कर सकते है ।
16. कुल आय को 10 के निकटतम अंक तक Roundup करने के उपरान्त, प्राप्त कुल आय पर निर्धारित दर से कुल आयकर की गणना की जाती है ।
17. एक व्यक्ति के पास एक से अधिक PAN होने पर, एक PAN कार्ड को छोडकर अन्य सभी PAN कार्ड आयकर विभाग को वापिस करना जरूरी है । यदि गलत PAN आयकर रिटर्न में दिया जाता है तो 10,000 रूपये जुर्माने का प्रावधान है ।
18. वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए यदि नियत दिनांक तक रिटर्न फाइल नहीं किया जाता है तो विलम्ब शुल्क के साथ 31 मार्च 2019 तक रिटर्न दाखिल की जा सकती है । परन्तु इसके लिए निम्नानुसार विलम्ब शुल्क लगेगा : -
·         यदि कुल कर योग्य आय 5,00,000 रूपये तक हो तो विलम्ब शुल्क 1,000 रूपये होगा।
·         5,00,000 रूपये से अधिक पर यदि 31 दिसंबर 2018 तक रिटर्न दाखिल की जाती है तो विलम्ब शुल्क 5,000 रूपये तथा 31 मार्च 2019 तक रिटर्न दाखिल की जाती है तो 10,000 रूपये विलम्ब शुल्क लगेगा ।      
नोट : उपरोक्त जानकारी विश्वसनीय स्त्रोतों से ली गई है । फिर भी आप नियमों को आयकर विभाग की वैबसाइट से तुलना कर लें । इनके प्रयोग से किसी भी प्रकार के नुकशान के लिये www.officebabu.com  या इसके लेखक किसी भी सूरत में ज़िम्मेवार नहीं है ।      

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